Sahibzada Day : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अपने सरकारी आवास पर गुरु गोविंद सिंह महाराज के चार साहिबजादो व माता गुजरी को शुहादत को समर्पित ‘ साहिबजादा दिवस ‘ के अवसर पर गुरुबाणी कीर्तन में सम्मिलित हुए। उन्होंने सिख गुरुओं के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की। यह भी कहा कि यह हर साल 27 दिसंबर को साहिबजादा दिवस मनाया जाएगा।
Sahibzada Day : मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 दिसंबर को दिन मातृभूमि, देश में धर्म के प्रति शहादत देने वाले गुरु पत्रों एवं माता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का दिन है। साहिबजादा दिवस सिख समाज व प्रदेश वासियों के लिए गौरव का दिन है। उन्होंने कहा, एक नया इतिहास बन रहा है। गुरु गोविंद सिंह के चारों सुपुत्रों, साहिबजादा अजीत सिंह, जूझार सिंह, जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह को सामूहिक रूप से साहिबजादा के तौर पर संबोधित किया जाता है। गुरु गोविंद सिंह ने देश, धर्म की रक्षा के लिए अपने पुत्र को समर्पित करते हुए दुखी में होकर पूरे उत्साह के साथ कहा था – ‘चार नहीं तो क्या हुआ, जीवित कई हजार’। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं में हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया, जिससे देश सदैव याद रखेगा।
Sahibzada day : सीएम योगी ने कहा कि गुरबाणी कीर्तन हम सबको देश, धर्म के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा देता है। इतिहास को विस्मृत करके कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता है। सिख इतिहास पढ़ने पर पता चलता है कि विदेशी अक्रांताओ ने जब भारत के धर्म और संस्कृति को नष्ट करने, भारत के वैभव को पूरी तरह समाप्त करने का एक मात्र लक्ष्य बना लिया था, तब गुरु नानक ने भक्ति के माध्यम से अभियान प्रारंभ किया और कीर्तन आधार बना। उन्होंने कहा, भक्ति, शक्ति, पुरुषार्थ व परिश्रम में प्रत्येक सीख अग्रणी रहता है। सिख समाज की प्रगति में सफलता में गुरु कृपा का भी योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश से सरहिंद के नवाब वजीर खान ने छोटे साहिबजादे ( जोरावर सिंह व फतेह सिंह ) को इस्लाम से करने करने तथा अपने धर्म पर दृष्ट रहने की सजा के फलस्वरूप उन्हें जीवित ही दीवार में चुनवा दिया था।