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आयुर्वेदिक दवाओं में भारत चीन से कम नहीं ।

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आयुर्वेदिक दवाओं में भारत को कौन नहीं जानता भारत के ज्यादातर लोग डॉक्टरी दवाई को छोड़कर आयुर्वेदिक दवाई को लेना ज्यादा पसंद करते हैं भारत ने साफ कर दिया है कि भारत चीन से किसी भी तरह से पीछे नहीं है चाहे वह आयुर्वेदिक दवा ही क्यों ना हो


बता दें कि भारत वैश्विक शोध केंद्र खोलने की तैयारी कर रहा है अर्थात विश्व स्तर पर स्वास्थ्य संगठन का निर्माण करने कि भारत अपनी तैयारी कर रहा है। जिससे चीन पर काफी भारी असर पड़ा और चीन को कहीं ना कहीं इससे जोरदार चोट भी पहुंची।

हालांकि भारत की दवाइयों को पहले से ही काफी उपलब्धियां प्राप्त है लेकिन विष्णु शोध केंद्र खोलने के बाद इन उपलब्धियों को और भी बड़ी मान्यता प्राप्त होगी इसे दुनिया के अलग-अलग देशों से भारत को साथ मिलेगा। फिलहाल अभी भारत चीन के मुताबिक आयुर्वेदिक दवाओं में आगे नहीं है लेकिन भारत का यह साफ तौर पर कहना है, ” कि वह बहुत जल्द आयुर्वेदिक दवाओं में चीन को टक्कर देगा। भारत ने बहुत ही मात्रा में आयुर्वेदिक दवाइयों को उपलब्ध कराने की तैयारी भी कर ली है। जिसमें काफी बीमारियां शामिल है। जैसे सफेद दाग के इलाज के लिए भी आयुर्वेदिक दवाओं का ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है।

बड़ी बड़ी बीमारियों को आयुर्वेदिक दवाओं से दूर करने की भारत की योजना अब जल्द ही नजर आती दिख रही है। भारत ने यह साफ तौर पर कहा है, “कि ऐसी बड़ी बड़ी बीमारियां जिन का इलाज डॉक्टर की दवाई में नहीं है अब वह आयुर्वेदिक दवाओं में होगा। जिसमें डायबिटीज, सफेद दाग, कोरोना आदि भयंकर बीमारियां शामिल है

Article by – Rashi bansal

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