यह पंक्तियां महज़ एक शायरी का हिस्सा नहीं है बल्कि उन बेजुबान जानवरों का वह दर्द है जो बयां नहीं कर सकते और इंसानों के प्रति उन बेजुबान जानवरों की वह सोच है जो वो हर वक्त कहना चाहते है।
आज हम उन बेजुबान जानवर के दर्द की बात करेंगे जो बिना किसी वजह के शिकार हो जाते हैं ।जी हां हम बात कर रहे हैं हमारे ही साथ हमारे ही बीच पृथ्वी पर रहने वाले उन बेजुबान जानवरों की जो अपना दर्द किसी से बयां नहीं कर सकते और अंदर ही अंदर अपनी पूरी जिंदगी इसी दर्द में गुजार देते हैं।
आज हम आपको कुछ ऐसे पहलुओं से रूबरू कराएंगे जहां आपका दिल भी जानवरों के प्रति पसीज जाएगा।
जहां आप जानवरों के प्रति कुछ सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।
आपका दिल भी उनको प्यार करने के लिए मचल पड़ेगा।
गाय एक ऐसा जानवर जिसे हिंदू धर्म में माता की उपमा दी जाती है विद्वानों के अनुसार यह बताया जाता है कि गाय एकमात्र ऐसा पशु है जिसमें हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है जिस कारण दिवाली के दूसरे दिन गाय को विशेष महत्व दिया जाता है पर बेहद दुख की बात तो यह है कि उसमें 33 करोड़ देवी देवताओ कवास होने के बावजूद भी उसे उस निगाह से नहीं देखा जाता जिसकी वह हकदार है जो वाकई इंसान के लिए शर्मनाक बात है इंसान की बढ़ती लापरवाही के पीछे ऐसी बहुत सी बातें हैं जो दिल को दुख आती है जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दर्शाती हैं। जैसे बिना वजह के कुत्ते और बिल्ली के प्रति घृणा का भाव ,उन्हें बिना वजह मारना यह सब अत्यंत दुख की बात है यह तो हमने आपको बस उन बेजुबान जानवरों का दर्द दिखाने की कोशिश की है अब हम आपको एक ऐसी घटना से रूबरू कराते हैं जो बेहद दर्दनाक है जिससे कौन वापस नहीं होगा आज से करीब 4 महीने पहले की बात है जब किसी बेजुबान की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी आप लोग समझ गए होंगे कि हम जहां किसकी बात कर रहे हैं और समझना लाजमी भी है।
केरल हथनी हत्याकांड को कौन नहीं जानता होगा उस बेजुबान हथनी की हत्या बिना किसी वजह के अपने मनोरंजन के लिए कर दी गई थी। और इस हत्या का अंजाम भी इतना दर्दनाक था जिससे हर किसी की रूह कांप जाए उस बेजुबान हथनी को फलों में पटाखे मिलाकर खिला दिया गया इंसान की हैवानियत का शिकार हो गई उसकी कोख में एक मासूम जान चल रही थी जो दुनिया को देखना चाहती थी पर उसने इस दुनिया में कदम रखने से पहले ही अपनी आंखों को बंद कर लिया इंसान की हैवानियत ने उसे भी नहीं बख्शा।
आज अगर इन बेजुबान जानवरों के पास अपनी खुद की एक आवाज होती आवाज में अपना दर्द किस तरह बयां करते_
हम बेजुबान जानवर भी भगवान के बनाये हुए वो फरिश्ते हैं जो इस दुनिया में जीने आते हैं।
अपनी जिंदगी को खुशी से गुजारने आते हैं।
प्रकृति को महसूस करने आते हैं।
तुम्हारी सहायता करने आते हैं।
तो फिर क्यों हमारे साथ इस तरह की बदसलूकी की जाती है क्या हमे जीने का अधिकार नही
बस ये सभी बातें ही दिल को झकझोर कर रख देती है अगर इंसान ही जानवरो का दुख नही समझेगा तो कोन समझेगा। उम्मीद है अब आप सभी का जानवरों के प्रति सोचने का नजरिया बदला होगा। प्रेम का अधिकारी इस संसार में हर कोई है चाहे वह जीव हो या मनुष्य हो पक्षी हो या पशु हो।इसिलए सब के प्रति प्रेम का भाव रखना हमारा कर्तव्य है।
Article by – Rashi bansal