मेरठ - आसपास

नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी कई। फिर भी शहर में सफाई नहीं।

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कहने को तो शहर भर में नगर निगम के अधिकारी भरे पड़े हैं और अधिकारियों द्वारा लगाए गए कर्मचारी भी शहर में कुछ कम नहीं है। पर अगर बात सफाई की करें तो सफाई देखने के नाम पर केवल ठेंगा मिलता है। हर तरफ कूड़ा ही कूड़ा कचरा ही कचरा भरा पड़ा है। नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारियों ने साफ-सफाई की शपथ ली थी। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा था, ” कि शहर बिल्कुल हमारे घर जैसा है। इसको साफ रखना हमारा कर्तव्य है, और हम इसे परिपूर्ण निष्ठा के साथ निभाएंगे भी।
लेकिन यह बड़ी-बड़ी बातें केवल बात ही बनकर रह गई है। सफाई व्यवस्था में किसी भी प्रकार का कोई भी सुधार नहीं आया है। हर तरफ केवल कूड़ा कूड़ा नजर आता है।

घर से कचरा दोपहर के 1:00 बजे तक भी नहीं उठा रहा है। अगर बात करें नगर निगम के नियमों की तो उसमें साफ तौर पर कहा गया है, ” कि सुबह 9:00 बजे तक पूरे शहर से कचरा उठ जाना चाहिए।

उसके बावजूद भी बच्चा पार्क पर शुक्रवार को गंदगी का आलम देखा गया। जो वाकई हैरान कर देने वाला था। वहीं दूसरी तरफ पल्लवपुरम, कंकरखेड़ा आदि मुख्य ऐसी जगह जहां सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए। वह भी इसका ध्यान नहीं रखा गया।
बता दें कि शहर में लगभग 80 स्थाई कूड़ा घर है जिनमें कूड़ा वार्डो की गलियों का एकत्रित करके डाला जाता है।
लेकिन नगर निगम शायद अपने ही बनाए नियमों को भूल गया है। सफाई का शहर में नामोनिशान नहीं दिख रहा है। साफ सफाई की सारी व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। जिस पर नगर निगम के कर्मचारी व अधिकारियों को ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

Article by – Rashi bansal

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