शिक्षा को वापस से पटरी पर लाने के लिए कॉलेज व महाविद्यालय को खोलने की तैयारी की जा रही है। जिसमें केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के द्वारा यह साफ कर दिया गया है, ” कि शिक्षकों को ऑफलाइन क्लासेस के साथ-साथ छात्र छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षण भी कराना होगा। जो भी छात्र छात्राएं विद्यालय आने में असमर्थ है, या कोरोना के खतरे से बचना चाहते हैं उनके लिए विशेष तौर पर शिक्षक ऑनलाइन क्लासेस का आयोजन कराएंगे।
अब ऐसे में शिक्षकों के लिए यह थोड़ा मुश्किल है, कि वह इस विषम परिस्थितियों को किस तरह से संभालते हैं। हालांकि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के द्वारा 19 अक्टूबर से नवी से 12वीं तक की कक्षाएं ऑफलाइन शुरू हो गई है, लेकिन इसमें भी ऑनलाइन क्लासेस का ध्यान रखा गया है। सरकार की गाइडलाइंस के द्वारा यह साफ तौर पर कहा गया है, ” कि शिक्षक विद्यार्थियों को ऑफलाइन शिक्षण तो देंगे ही, साथ ही उन्हें ऑनलाइन शिक्षण भी विद्यार्थियों को कराना आवश्यक होगा।
सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि छात्र-छात्राओं पर किसी भी प्रकार का दवाब नहीं डाला जाएगा कि वह विद्यालय में आकर ही पड़े। छात्र छात्र -छात्राएं अपनी इच्छा से यदि विद्यालय आते हैं तो ही उनका ऑफलाइन शिक्षण कराया जाए। अन्यथा उन्हें शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन क्लासेस के जरिए समझाया जाए।
बता दें कि सूत्रों के मुताबिक स्नातक व परास्नातक की कक्षाएं इस माह के अंत तक चलाने की तैयारियां की जा रही है।