कोरोना के हर से जूझ रही दुनिया के लिए एक राहत भरी खबर आई है। ब्रिटेन सरकार ने फाइजर वैक्सीन को बुधवार को मंजूरी दे दी। यह वैक्सीन अमेरिकी कंपनी फाइजर-बायोएनटेक द्वारा बनाई गई है। इसे सभी तरह के प्रयोग व परीक्षणों में कारगर माना गया है पर इस वैक्सीन को भारत लाना एक बड़ी चुनौती है।
दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी एमएचआरए ( ब्रिटेन ) ने कहा कि यह वैक्सीन गुणवंता और असर के मामले में सभी मापदंडों पर खरी उतरी है। यह देखा गया कि यह हर उम्र और हर नस्ल के लोगों में कारगर है।
44 हजार लोगों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया। इस वैक्सीन के परीक्षण में पाया गया कि यह वैक्सीन 95% तक कारगर साबित हुई है। फाइजर वैक्सीन की अनुमानित कीमत तकरीबन 1476 रुपए बताई जा रही है।
दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी एमएचआरए ( ब्रिटेन ) के मुताबिक इस वैक्सीन की दो खुराक देनी होंगी। पहली खुराक मिलने के 21 दिन बाद ही दूसरी खुराक दी जाएगी। ब्रिटेन में अगले हफ्ते से ही टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
आपको बता दें वैक्सीन को बनने में औसतन 16 साल लग जाते हैं पर यह रिकॉर्ड 10 महीनों के अंदर बनकर तैयार हुई है।
ब्रिटेन में तो फाइटर वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है पर भारत लाना इसे अभी एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
किसी भी व्यक्ति को इस्तेमाल करने से पहले उसका क्लीनिकल ट्रायल करना पड़ता है लेकिन भारत सरकार द्वारा या अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिल पाया है जिससे यह साफ हो सके कि यह वैक्सीन भारत में आएगी।
इस वैक्सीन को भारत भारत में इस्तेमाल करने के लिए एक बड़ी चुनौती का कारण यह भी है कि यह जो फाइजर वैक्सीन है इसे बनने से लेकर वैक्सीनेशन होने तक की प्रक्रिया तक माइनस 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाता है जो कि भारत में बहुत ही मुश्किल है।
बता दें कि रूस में भी अगले हफ्ते से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी लोगों को स्पूतनिक वैक्सीन दी जाएगी। बुधवार को ही राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने इसके निर्देश दिए हैं।