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सरकार किसानों की समस्याओं पर नहीं दे रही ध्यान

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मुजफ्फरनगर: कृषि कानूनों में विरोध मैं जनपद में शनिवार को भी किसान संगठन उद्वेलित रहे। जानसठ में तालड़ा मोड़ पर भाकियू तोमर गुट ने 3 घंटे तक पानीपत – खटीमा राजमार्ग पर धरना देते हुए जान लगाए रखा। वही, दूसरी और छपरा में राष्ट्रीय किसान सेना के नेतृत्व में किसान दिल्ली – दून हाईवे पर जाम लगाकर धरने पर बैठ गए। बाद में अधिकारियों को ज्ञापन देखकर मांगे पूरी ना होने पर दिल्ली कुच करने की चेतावनी दी।

जानसठ में कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर भाकियू तोमर गुट के किसान राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव तोमर के नेतृत्व में दोपहर करीब 1:00 बजे तालड़ा मोड़ पर पहुंचे और पानीपत – खटीमा राजमार्ग पर जाम लगा दिया।बाद में किसानों ने सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया। किसानों ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के साथ ही दिल्ली बॉर्डर पर पंजाब – हरियाणा के किसानों पर लाठीचार्ज किए जाने पर नाराजगी जताईl संजीव तोमर ने कहा कि देश में किसानों का उत्पीड़न किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इसके बाद धरने पर पहुंचे एसडीएम अजय कुमार अंबष्ट को नौ सूत्री ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी गई कि यदि जल्दी ही सरकार ने किसानों की मांग पूरी नहीं की तो उनके संगठन से जुड़े किसान दल-बल के साथ दिल्ली के लिए कुच करेंगे, उन्होंने गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतोली का आरोप लगाते हुए एसडीएम ने तोल केंद्रों का निरीक्षण करने की भी मांग की।

इस दौरान एहतियानत सीईओ शकील अहमद थाना भोपा, तितावी, मीरापुर, जानसठ और ककरोली थाने की पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे, भाकियू तोमर गुट ने शाम करीब 4:00 बजे धरने को समाप्त कियाl संगठन के जिलाध्यक्ष अखिलेश चौधरी, समर सिंह, शारिक फरीदी, अरशद खान, धीरज चौधरी, इनाम कुरैशी, मेहरबान खान, समीम और यासीन सौफी आदि मौजूद रहे।

छपारा में भाकियू किसान सेना से जुड़े किसानों ने भी कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली – दुन हाईवे पर करीब 12:30 बजे कस्बे में धरना प्रदर्शन किया। करीब आधा घंटे तक किए गए धरना प्रदर्शन के दौरान संगठन के जिलाध्यक्ष पंकज ग्रेड ने कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए हरियाणा से दिल्ली जा रहे किसानों पर किए गए लाठीचार्ज की निंदा कीl

जाम की सूचना पर सीओ सिटी राकेश कुमार द्विवेदी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे, तो किसानों ने उन्हें विभिन्न मांगो से संबंधित ज्ञापन देखकर करीब 1:00 बजे धरना खत्म कर दिय मौके पर सरताज, सोनू, इसरार त्यागी, अकलीम, वसीम, समीम, नदीम, सफीक अंसारी, अबूबकर, चांद, आसिफ, इरशाद, रहीश, बिल्ला प्रधान आदि रहे।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिलने के बावजूद तीसरे दिन शनिवार को भी टिकरी वह सिंधु बॉर्डर पर डटे रहे, किसान बुराड़ी की बजाए रामलीला मैदान या जंतर मंतर या प्रदर्शन की जिद पर अड़े है इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, जैसे ही किसान निर्धारित स्थान पर पहुंच जाएंगे तो अगले दिन सरकार उनकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत करेगी।

केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर दोहराया हमने किसानों को 3 दिसंबर को बुलाया है संवाद के जरिए हल निकाला जाएगा। जबकि, भाकियू ( राजेवाला) के अध्यक्ष बलवीर सिंह ने कहा कि सभी संगठनों से बैठक कर ही फैसला लेंगे।भाकियू ( एकता उग्रह) के उपाध्यक्ष झंडा सिंह जेठूके ने कहा है कि किसान किसी कीमत पर यहां से नहीं हटेंगेl उन्होंने दावा किया है कि महिलाओं सहित एक लाख से अधिक किसान मार्च में शामिल है मार्ग नहीं माने तो पूरी दिल्ली को बंद कर दिया जाएगा। पुलिस ऐसा नहीं करने देगी तब वे बॉर्डर पर डेरा डाले रखेंगे।

komal rani

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