सिकके के आभूषण महिलाओं को आकर्षित कर रहे हैं। मधुबन जिले के आसपास के इलाकों में पिछले 5 वर्षों से कई महिलाएं सिक्के के आभूषण तैयार कर रही है। दुल्हन को भी सिक्के के आभूषण खूब अच्छे लग रहे हैं। महिलाओं के लिए यह आजीविका का आधार बन गया है।
एक महिला को आभूषण तैयार करने में कम से कम 8 से 10 घंटे दिन में लग जाते हैं और महीने में 20000 रूपये महिलाएं आराम से कमा लेती है। इसी तरह रोजाना 5 से 10 आभूषण तैयार किए जाते हैं। कीमत भी आभूषण को देखकर तय की जाती है महिलाओं का कहना है कि काम के अनुसार 7 से 20000 तक कमाई हो जाती है।
सिक्के से खिलौने भी बनते हैं कई देशों में आभूषण की प्रदर्शनी लगाई जाती हैं। इस कोरोना काल के चलते लोग ऑनलाइन शॉपिंग पर जोर दे रहे हैं। राष्ट्रीय मेधा पुरस्कार बिरौला की सुधीरा देवी के बनाए गए आभूषण की प्रदर्शनी पूरे उत्तर प्रदेश और कई राज्यों में लग चुकी है। यह कान की बाली , चूड़ी ,पायल, लटकन ,झुमके ,अंगूठी, नेकलेस आदि आभूषण सिक्के से तैयार हुए हैं। इन आभूषणों की ज्यादा मांग हो रही है लोग ऑनलाइन पेमेंट करके आभूषण की खरीदारी कर रहे है।
सिक्की से आभूषण व अन्य वस्तुओं को बनाने के लिए चक्कू वह लोहे से बना नुकीला औजार प्रयोग किया जाता है ।यह जुलाई से सितंबर के बीच जहां पानी होता है वहां पर उगाया जाता है सिक्की एक तरह की घास है। बाजार में यह 250 से 350 रुपए प्रति किलो की दर पर उपलब्ध हो जाती है।
Article by — shashi bagh