Sindhu border
दिल्ली

Sindhu border per Shaniwar ko Aandolan ke samarthan mein Nare Lagati mahilayen – सिंधु सीमा पर शनिवार को आंदोलन के समर्थन में नारे लगाती महिलाएं

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Sindhu border per Shaniwar ko Aandolan ke samarthan mein Nare Lagati mahilayen – राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 1 महीने से बैठे किसान सरकार से फिर बातचीत शुरू होने को तैयार हो गए हैं। सरकार के प्रस्ताव का जवाब देते हुए किसान संगठनों ने 29 दिसंबर सुबह 11:00 बजे वार्ता का समय दिया है। हालांकि, यह सब किया की तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी का मुद्दा उनके एजेंडे शामिल रहेगा।

सिंधु बॉर्डर पर शनिवार को 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में वर्ष दो बार शुरू करने का फैसला हुआ। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने बताया, 30 दिसंबर को कुंडली – मानेसर – पलवल हाईवे पर कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली होगी। उन्होंने दिल्ली और देश के अन्य हिस्से के लोगो से प्रदर्शनकारी किसानों के साथ नया साल मनाने की अपील की है। किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार चाहती है कि हम हाईवे बंद नहीं करें तो उसे तीनों कानून वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए।


किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए सिंगरूर से 15000 किसानों ने शनिवार को दिल्ली कुछ किया है। इधर, शंभू बैरियर से भी हजारों किसान दिल्ली निकले। किसान नेताओं के मुताबिक 2 दिन में 30 हजार से अधिक किसान दिल्ली रवाना होंगे। वहीं पंजाब – हरियाणा सीमा पर स्थित शंभू टोल प्लाजा पर किसानों ने कब्जा कर सभी वाहनों को निशुल्क जाने दिया। उधर, हरियाणा में दूसरे दिन भी शनिवार को अधिकांश टोल फ्री रहे। जिलों में किसानों में जुलूस निकालकर भाजपा नेताओं के आवास का घेराव कर धरना दिया। यमुनानगर में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर का घेराव करने पहुंचे किसान की पुलिस से धक्का-मुक्की हुई।


शनिवार को किसानों ने पंजाब के जलाधर में किसानों नई दिल्ली से संसाधन हंसराज हंस और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव भाजपा नेता केकड़ी भंडारी के घर का घेराव किया। बठिंडा में भाजपा के प्रदेश प्रधान अवनी शर्मा के विरोध में 100 किसान ने धरना दिया। नवा शहर में किसानों ने भाजपा जिला प्रधान डॉ. पूनम मानसिक के घरपर नारेबाजी की। लुधियाना के हलवारा से एक जत्था दिल्ली के लिए निकला। पटियाला में भाजपा जिला (शहरी) प्रधान हरिदर कोहली की कोठी के बाद दूसरे दिन भी डटे रहे।


पठानकोट में चार टावरों की बिजली काट दी गई, किसानों ने ऐलान किया कि दोबारा कनेक्शन जोड़ने पर बड़ा कदम उठाया जाएगा।अबोहर में किसानों ने 1 जनवरी से कारपोरेट घरानो के सभी टावर बंद कराने का ऐलान किया है।

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